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पीएम मोदी के मेक इन इंडिया अभियान से अमेरिका घबरा चुका है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के मेक इन इंडिया (Make in India) अभियान ने अमेरिका की चिंता बढ़ा दी है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) को लगता है कि अगर भारत इसी तरह मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पर जोर देता रहा तो द्विपक्षीय व्यापार संबंधों पर असर पड़ सकता है.
पीएम मोदी के मेक इन इंडिया अभियान से अमेरिका घबरा चुका है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के मेक इन इंडिया (Make in India) अभियान ने अमेरिका की चिंता बढ़ा दी है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) को लगता है कि अगर भारत इसी तरह मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पर जोर देता रहा तो द्विपक्षीय व्यापार संबंधों पर असर पड़ सकता है. बाइडेन (Joe Biden) प्रशासन ने अमेरिकी संसद से कहा है कि भारत में हाल में शुरू किया गया ‘मेक इन इंडिया’ (Make In India) कार्यक्रम दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों में खड़ी होने वाली चुनौतियों का प्रतीक बन गया है.

अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि (USTR) ने अपनी 2021 की व्यापार नीति एजेंडा और 2020 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि 2020 के दौरान अमेरिका ने लगातार भारत के साथ बाजार पहुंच से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के लिये प्रयास जारी रखा. पीएम मोदी लगातार मेक इन इंडिया पर जोर दे रहे हैं और आत्मनिर्भर भारत बनाने का आह्वान कर रहे हैं. पीएम मोदी की इन नीतियों से जो बाइडेन को चिंता हो रही है.

USTR की कांग्रेस को सौंपी गई इस रिपोर्ट में कहा गया है भारत का बड़ा बाजार, आर्थिक वृद्धि और विकास की ओर अग्रसर उसकी अर्थव्यवस्था जहां उसे अमेरिकी निर्यातकों के लिए आवश्यक बाजार बनाती है. वहीं दूसरी तरफ भारत में सामान्य तौर पर व्यापार पर प्रतिबंध लगाने वाली नीतियों के चलते द्विपक्षीय व्यापार संभावनाओं को कम किया है. भारत में हाल में आयात के विकल्प के तौर पर शुरू किये गये ‘मेक इन इंडिया’ अभियान ने द्विपक्षीय व्यापार संबंधों के समक्ष चुनौतियों को बढ़ा दिया है.

अमेरिका ने 5 जून 2019 से सामन्यीकृत तरजीही प्रणाली (GPS) कार्यक्रम के तहत भारत की पात्रता को समाप्त कर दिया था. अमेरिका ने यह कदम जीएसपी बाजार पहुंच मानदंड के मामले में भारत के अनुपालन पात्रता को लेकर उठी चिंताओं की समीक्षा के बाद उठाया. जीएसपी के तहत भारत को मिलने वाले व्यापार लाभ निलंबित कर दिये जाने के बाद से ही अमेरिका और भारत 2019 से तार्किक बाजार पहुंच पैकेज पर काम करने में जुटे हुये हैं. वर्ष 2020 में भी यह काम जारी रहा.

 

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