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देश में बड़े चाइनीज निवेश को मंजूरी मिल गई है , लेकिन केवल इन सेक्टर्स तक रहेगा लिमिटेड

भारत सरकार ऐसे सेक्टर्स में बड़े चाइनीज निवेश को मंजूरी देने पर विचार करने वाली है, जिनमें स्थानीय कंपनियों की पर्याप्त क्षमता नहीं है। लेकिन इस मामले में सरकार जल्द ही कोई ओपन डोर पॉलिसी नहीं अपनाएगी। यह जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली है। उनका कहना है कि सरकार की यह रणनीति त्रिआयामी स्टैंडर्ड
देश में बड़े चाइनीज निवेश को मंजूरी मिल गई है , लेकिन केवल इन सेक्टर्स तक रहेगा लिमिटेड

भारत सरकार ऐसे सेक्टर्स में बड़े चाइनीज निवेश  को मंजूरी देने पर विचार करने वाली है, जिनमें स्थानीय कंपनियों की पर्याप्त क्षमता नहीं है। लेकिन इस मामले में सरकार जल्द ही कोई ओपन डोर पॉलिसी नहीं अपनाएगी। यह जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली है। उनका कहना है कि सरकार की यह रणनीति त्रिआयामी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग गाइडलाइन का हिस्सा है, जिसका एडमिनिस्ट्रेटिव मंत्रालय भारत में चाइनीज निवेश के पुनरीक्षण के लिए पालन करेंगे।इसके अलावा सरकार दो अन्य तरह के निवेश प्रस्तावों को भी मंजूरी देने वाली है। इनमें से एक उन कंपनियों या निवेशकों द्वारा निवेश का है, जिनका चीन के बाहर हेडक्वार्टर है लेकिन फंड चीन के रास्ते आता है। वहीं दूसरा प्रस्ताव चाइनीज इन्वेस्टर्स के बेहद छोटे निवेश का है। इन तीनों मामलों में सिक्योरिटी क्लीयरेंस अनिवार्य रहेगा।
 एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक, प्रस्तावों की तीन प्रमुख गाइडलाइंस के तहत जांच की जा रही है। बड़े चाइनीज निवेश के प्रस्ताव पर विचार केवल ऐसे क्रिटिकल एरिया में होगा, जहां स्थानीय कंपनियों की मौजूदगी बेहद कम या न के बराबर है। बता दें कि पिछले साल भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख बॉर्डर पर हुई हिंसा के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बरकरार है। लेकिन दोनों देश रिश्तों में सुधार की कोशिश कर रहे हैं।सीमा साझा करने वाले देशों की ओर से भारत में निवेश से पहले भारत सरकार की ओर से मंजूरी को अनिवार्य किया था। यानी अब बांग्लादेश, चीन, पाकिस्तान, नेपाल, म्यांमार, भूटान और अफगानिस्तान की ओर से भारत में निवेश से पहले भाारत सरकार की मंजूरी अनिवार्य है।

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