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अब होगा प्रौद्योगिकी आतंकवाद का दौर, समाजवाद का रास्ता भारत के लिए फिट

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि 2021-22 के बजट ने इस विचार को खारिज कर दिया है कि कल्याणकारी राज्य की संकल्पना को समाजवादी व्यवस्था में ही साकार किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस बार के बजट ने भारतीय अर्थव्यवस्था को दिशात्मक बदलाव दिया है, जिसमें सरकार ने संपत्ति
अब होगा प्रौद्योगिकी आतंकवाद का दौर, समाजवाद का रास्ता भारत के लिए फिट

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि 2021-22 के बजट ने इस विचार को खारिज कर दिया है कि कल्याणकारी राज्य की संकल्पना को समाजवादी व्यवस्था में ही साकार किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस बार के बजट ने भारतीय अर्थव्यवस्था को दिशात्मक बदलाव दिया है, जिसमें सरकार ने संपत्ति सृजन करने वालों और नागरिकों पर पूरा भरोसा किया है।

प्रौद्योगिकी आतंक का बोलबाला होगा उन्होंने प्रत्यक्ष एवं परोक्ष करों के आकलन का काम करदाता और कर अधिकारी पहचान प्रकट किए बिना सम्पन्न करने की पहचान-रहित आकलन व्यवस्था जैसे सुधार का उल्लेख करते हुए कहा कि कर को लेकर जो एक आतंक था, वह अब बीते दिनों की बात हो गयी है। हालांकि उन्होंने आगाह किया कि अब की निगाह तेज होगी। उन्होंने कहा अब ‘प्रौद्योगिकी आतंक का बोलबाला होगा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा आयोजित बुद्धजीवियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा, ”यह नये दशक का बजट है। यह बजट साफ तौर पर कहता है…हम निजी क्षेत्र पर भरोसा करते हैं और देश के विकास में भागदारी के लिए आपका स्वागत है। इस बजट में हमने साफ किया है कि सरकार क्या कर सकती है या किस हद तक कर सकती है…इसीलिए यह बजट भारतीय अर्थव्यवस्था को एक दिशात्मक बदलाव देता है।

सोवियत संघ से विरासत में मिली व्यवस्था, जो भारत के चरित्र और विचारों में फिट नहीं बैठ सका उन्होंने कहा, ”हमें सोवियत संघ से विरासत में व्यवस्था मिली, जिसमें समाजवाद की उपलब्धियों की बात होती थी…कि केवल समाजवाद ही पूरी आबादी का कल्याण कर सकता है। वे कहते हैं कि कल्याणकारी राज्य एक समाजवादी विशेषाधिकार है। मंत्री ने कहा, ”इसीलिए हमने समाजवाद का रास्ता चुना जो भारत के चरित्र और विचारों में फिट नहीं बैठ सका। हमने इस व्यवस्था को अपनाया सीतारमण ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने नागरिकों के प्रमाण पत्रों की नकल को अधिकारियों से सत्यापन कराने की जरूरत खत्म की। उन्होंने कहा कि नागरिक स्वयं अपने दस्तावेजों का सत्यापन कर सकते हैं। कारखानों में ‘बॉयलर को प्रमाणित करने वाले निरीक्षण व्यवस्था को भी समाप्त किया गया।  उन्होंने कहा कि जब आपने पैसा लगाया और विनिर्माण के जरिये संपत्ति सृजित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं तब प्रमाणपत्र के लिए तीसरे पक्ष से निरीक्षण की क्या जरूरत है।

कमियों को चिन्हित करने के लिए प्रौद्योगिकी बेहतर वित्त मंत्री ने कहा, ”उसी तरीके से हमने कर प्रणाली में बदलाव किया है। चाहे वह प्रत्यक्ष कर हो या फिर अप्रत्यक्ष कर। पूर्व में हम यह शिकायत सुना करते थे कि हम कर आतंकवाद नहीं थोप सकते। इस प्रकार के शब्द उपयोग किये जाते थे। अब प्रौद्योगिकी ने बड़ा बदलाव लाया है। हमें उम्मीद है कि कोई भी अधिकारी आपको कॉल नहीं करेगा और आपसे कुछ लेकर आने (रिश्वत) और मिलने को नहीं कहेगा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की चीजें भविष्य में नहीं होंगी क्योंकि सरकार ने ‘फेसलेस आकलन व्यवस्था को अपनाया है। प्रौद्योगिकी अब सभी लेन-देन पर नजर रखेगी।  वित्त मंत्री ने कहा कि कमियों को चिन्हित करने के लिए प्रौद्योगिकी बेहतर है।

 

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